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ग्रीन टैक्स क्या है? जानिए किन वाहनों से वसूला जाएगा ये टैक्स?

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Please Share this Blog! दोस्तों, वाहनों से निकलते धुएँ हमारे वातावरण में प्रदूषण का सबसे बड़ा कारण बन गए है| आप याद करो 5 साल पहले आपके एरिया में कितनी गाडियाँ होती थी, और आज उस समय के मुकाबले में कितनी गाडियाँ बढ़ चुकी है? ये आंकड़ा आपको करीबन दोगुनी जरूर दिखेगी|  इससे पता चलता…

ग्रीन टैक्स क्या है
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दोस्तों, वाहनों से निकलते धुएँ हमारे वातावरण में प्रदूषण का सबसे बड़ा कारण बन गए है| आप याद करो 5 साल पहले आपके एरिया में कितनी गाडियाँ होती थी, और आज उस समय के मुकाबले में कितनी गाडियाँ बढ़ चुकी है? ये आंकड़ा आपको करीबन दोगुनी जरूर दिखेगी| 

इससे पता चलता है की आज वाहनों की संख्या में कई गुना वृद्धि हुई है, और इसके साथ प्रदूषण भी बढ़ा है| 

Before Green tax

नए वाहनों के मुकाबले पुराने वाहनों से ज्यादा धुआं निकलता है| जैसे-जैसे आपकी गाड़ियाँ पुरानी होती जाती है, उसके धुएँ की गुणवत्ता खराब होती जाती है, और ज्यादा प्रदूषण फैलाती है| 

इन सब बातों को ध्यान में रखते हुए भारत सरकार ने ग्रीन टैक्स (Green Tax) वसूलने की शुरुआत की है| आइए जानते है क्या है ग्रीन टैक्स?

ग्रीन टैक्स (Green Tax) क्या है?

“ग्रीन टैक्स” बढ़ते प्रदूषण को नियंत्रण करने की एक पहल है| यह टैक्स परिवहन मंत्रालय द्वारा पुराने वाहनों से वसूला जाएगा| यह टैक्स निजी वाहनों और कमर्शियल वाहनों, दोनों पर लगेगा| 

पर्यावरण को प्रदूषण से बचाने के लिए केवल पेट्रोल और डीजल वाहनों पर ग्रीन टैक्स लगाया जाता है। इलेक्ट्रिक वाहन और/या सीएनजी या इथेनॉल पर चलने वाले वाहनों को ग्रीन टैक्स से छूट दी गई है।

ग्रीन टैक्स से प्राप्त धन का उपयोग सरकार उन सुविधाओं को स्थापित करने के लिए करेगी जो उत्सर्जन की निगरानी कर सकती हैं। ग्रीन टैक्स देश के नागरिकों को कम प्रदूषण वाले वाहनों पर स्विच करने के लिए प्रेरित करना चाहिए।

ग्रीन टैक्स को प्रदूषण टैक्स और पर्यावरण टैक्स भी कहा जाता है|

After Green Tax

ग्रीन टैक्स भारत में कब से लागू हुआ है?

ग्रीन टैक्स भारत में सबसे पहले ऑक्टोबर 2015 में दिल्ली में लागू किया गया था| दिल्ली में बढ़ते प्रदूषण को नजर में रखते हुए इस टैक्स की शुरुवात की गई थी| सुप्रीम कोर्ट के आदेशानुसार इस टैक्स में कई फेर-बदल किए गए है|

ग्रीन टैक्स किन वाहनों पर लगेगा?

कमर्शियल वाहन जो 8 साल से अधिक पुराने है, उन्हे फिटनेस सर्टिफिकेट नवीनीकरण करते समय ग्रीन टैक्स चुकाना होगा| इन कमर्शियल वाहनों को रोड टैक्स के 10%-25% तक का ग्रीन टैक्स लगेगा|

निजी वाहनों को 15 साल बाद रजिस्ट्रेशन सर्टिफिकेट के नवीनीकरण के समय ग्रीन टैक्स देना होगा| निजी वाहनों पर रोड टैक्स के 50% तक ग्रीन टैक्स लग सकता है| सबसे ज्यादा ग्रीन टैक्स, सबसे ज्यादा प्रदूषित शहरों में रेजिस्टर्ड वाहनों पर लगेगा|

Types of vehicles
वाहन के प्रकारग्रीन टैक्स कितना लगेगा
ऑटोरिक्शा₹750/- (सात सौ पचास रुपये) 
छह सीटर टैक्सी₹1250/- (एक हजार दो सौ पचास रुपये)
दुपहिया वाहन₹2,000/- (दो हजार रुपये)
हल्के माल वाले वाहन₹2,500/- (दो हजार पाँच सौ रुपये)
पेट्रोल वाहन₹3,000/- (तीन हजार रुपये)
डीजल वाहन₹3,500/- (तीन हजार पाँच सौ रुपये)
सेवा वाहनसालाना रोड टैक्स का 2.5%
अनुबंध बसेंसालाना रोड टैक्स का 2.5%
पर्यटक बसेंसालाना रोड टैक्स का 2.5%
7500 किलोग्राम से अधिक क्षमता वाले वाहनसालाना रोड टैक्स का 10%

 ग्रीन टैक्स Online कैसे भुगतान करें?

भारत देश में सड़कों पर चलने वाले पुराने वाहनों पर सरकार द्वारा ग्रीन टैक्स लगाया गया है। वाहन मालिक जिन्हें अपने वाहनों के लिए ग्रीन टैक्स का भुगतान करना होता है, वे सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय द्वारा अधिकृत वाहन पोर्टल से इसका भुगतान ऑनलाइन कर सकते हैं।

Green Tax Payment Website

ग्रीन टैक्स ऑनलाइन जमा करने के लिए, नीचे दिए गए Steps का पालन करें:

Step 1: वाहन पोर्टल खोलें
Step 2: टैक्स का भुगतान करने के लिए अपने वाहन का रेजिस्ट्रैशन नंबर दर्ज करें|
Step 3: “Proceed” बटन पर click करें|
Step 4: Drop-down मेनू से “Pay your tax” सिलेक्ट करें|
Step 5: अपना मोबाईल नंबर दर्ज करें और OTP जेनरैट करें|
Step 6: आपके मोबाईल नंबर पर आए हुए OTP को submit करें|
Step 7: “Show details” बटन को क्लिक करें|
Step 8: अब, टैक्स का तरीका चुने|
Step 9: “Payment” बटन पर क्लिक करें, फिर online पेमेंट जमा करें|
Step 10: पेमेंट कन्फर्म करें और पेमेंट gateway चुने|
Step 11: पेमेंट कम्प्लीट हो जाने पर आपको एक message दिख जाएगा| 

ग्रीन टैक्स के फायदे

सरकार द्वारा मुख्य रूप से पर्यावरण में प्रदूषण के स्तर को कम करने के लिए ग्रीन टैक्स लगाया गया है। ग्रीन टैक्स लागू करने के पीछे का उद्देश्य नागरिकों को नए वाहनों पर स्विच करने के लिए प्रेरित करना और उन्हें इस बात से अवगत कराना है कि पुराने वाहनों से होने वाला उत्सर्जन पर्यावरण को गंभीर रूप से कैसे प्रभावित करता है।

ग्रीन टैक्स के रूप में एकत्रित धन का उपयोग सरकार द्वारा प्रदूषण के स्तर की निगरानी के लिए किया जाएगा और उस पर नियंत्रण रखने के लिए नई सुविधाएं स्थापित की जाएंगी।

निष्कर्ष

ग्रीन टैक्स प्रदूषण से होने वाले नुकसान को कम करने के लिए एक सही कदम है| यदि आप को यह जानकारी से कुछ नया सीखने को मिला है या किसी प्रकार की मदत मिली है तो आप अपने दोस्तों के साथ इस ब्लॉग को जरूर शेयर करें|

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