Mutual Fund Kya Hai? अच्छे से समझें और निवेश शुरू करें

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Please Share this Blog! दोस्तों निवेश करने के लिए आप कई तरीके जानते होंगे| जैसे- फिक्स्ड डिपॉजिट, रिकरिंग डिपॉजिट, शेयर मार्केट, गवर्नमेंट बॉन्ड्स इत्यादि| इन निवेश के तरीकों मैं सबसे अलग है “म्यूच्यूअल फंड”| म्यूच्यूअल फंड एक नए निवेशक के लिए समझने में भी आसान है और निवेश करने के लिए भी आसान है| म्यूच्यूअल…

Mutual Fund Kya Hai
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दोस्तों निवेश करने के लिए आप कई तरीके जानते होंगे| जैसे- फिक्स्ड डिपॉजिट, रिकरिंग डिपॉजिट, शेयर मार्केट, गवर्नमेंट बॉन्ड्स इत्यादि| इन निवेश के तरीकों मैं सबसे अलग है “म्यूच्यूअल फंड”| म्यूच्यूअल फंड एक नए निवेशक के लिए समझने में भी आसान है और निवेश करने के लिए भी आसान है| म्यूच्यूअल फंड मैं निवेश करने से आप करोड़पति बन सकते है| यदि आपको मेरे बातों पर विश्वास ना हो तो इस ब्लॉग को पूरा पढ़ ले आपको सच्चाई पता चल जाएगी|

तो दोस्तों आइए जानते हैं कि म्यूचुअल फंड क्या है, कैसे काम करता है, और कितने तरह के म्यूच्यूअल फंड होते हैं?, और आप इसमें कैसे निवेश कर सकते हैं? तो चलिए सबसे पहले जानते हैं कि म्यूच्यूअल फंड क्या है?

Topics Covered

म्यूचूअल फंड क्या है?- Mutual Fund Kya Hai

म्यूचूअल फंड बहुत सारे निवेशकों के पैसे से बना एक फंड होता है|इस फंड को एक कंपनी के द्वारा स्टॉक, बॉन्ड, मनी मार्केट और कई दूसरे अससेट्स में निवेश किया जाता है| इस तरह की कंपनी को एसेट मैनेजमेंट कंपनी (Asset Management Company- AMC) या फंड हाउस (Fund House) कहा जाता है|

ये AMCs एक अनुभवी फंड मैनेजर (Fund Manager) को नियुक्त करते हैं जो म्यूच्यूअल फंड के पैसों को बाजार के अलग-अलग सेक्टर में निवेश करके अधिक से अधिक मुनाफा कमाने की कोशिश करती है| म्यूचूअल फंड के पैसों को सुरक्षित तरीके से निवेश करना और उन पैसों को manage करना फंड मैनेजर की जिम्मेदारी होती है|

म्यूचूअल फंड स्कीम एसेट मैनेजमेंट कंपनियों (AMCs) के द्वारा संचालित किया जाता है, और यह AMCs, भारत सरकार की संस्थान- Securities and Exchange Board of India (SEBI) के अंतर्गत रेजिस्टर्ड होती है| भारत में बाजार को नियंत्रित करने और निवेश कीये गए पैसों को सुरक्षित रखने का काम SEBI के द्वारा किया जाता है|

दोस्तों, अब आइए समझते है की म्यूचूअल फंड कैसे काम करता है?

Systematic Investment Plan (SIP)
Systematic Investment Plan (SIP)

म्यूचूअल फंड कैसे काम करता है?

दोस्तों जैसा कि अब तक आपको समझ में आ गया होगा कि ऐसेट मैनेजमेंट कंपनीयां ही म्यूच्यूअल फंड स्कीम चलाती हैं| मान लीजिए कि 5 दोस्त हैं और सारे दोस्त ₹1,00,000 रुपये एक म्यूच्यूअल फंड में निवेश करना चाहते हैं| अब ऐसेट मैनेजमेंट कंपनी के फंड मैनेजर इस ₹5,00,000 रुपये (₹1,00,000×5) को अपनी टीम की मदद से रिसर्च करके अलग-अलग जगहों पर निवेश करेगा|

जैसे कुछ पैसा शेयर बाजार (Stock Market) में, कुछ पैसा गवर्नमेंट बॉन्ड्स (Government Bonds) में, कुछ पैसा कॉरपोरेट बॉन्ड्स (Corporate Bonds) में, कुछ पैसे गोल्ड (Gold) में, कुछ पैसे Fixed Deposit (FDs) में, और कुछ पैसे गवर्नमेंट सिक्योरिटीज (Government Securities) में निवेश करेगा|

म्यूचूअल फंड के पैसे को इस तरीके से diversify (विविधता) करके निवेश किया जाता है, ताकि ज्यादा से ज्यादा मुनाफा कमाया जा सके| म्यूचूअल फंड के पैसों को diversify करने से यदि कहीं घाटा होता है तो कहीं दूसरी जगह मुनाफा होता है, और अंत में यदि आप एवरेज निकाले तो आपको अच्छा खासा फायदा होता है|

म्यूचूअल फंड में निवेश करने के क्या फायदे है?

यदि आप म्यूचुअल फंड निवेश की दुनिया में नए हैं, तो आइए म्यूचुअल फंड के कुछ खास फ़ायदों पर नज़र डालते हैं जो उन्हें निवेशकों के लिए एक आदर्श विकल्प बनाते हैं।

1. निवेश की विविधता

म्यूचुअल फंड में निवेश के सबसे अच्छे फ़ायदों में से एक विविधीकरण है। यह एक ऐसी प्रक्रिया है जिसमें म्यूचुअल फंड को कई क्षेत्रों और वर्गों में निवेश किया जाता है। उदाहरण के लिए, एक इक्विटी से संबंधित म्यूचुअल फंड में आम तौर पर इक्विटी में 60-70% और शेष 30-40% डेट सिक्योरिटीज में निवेश होता है।

विविधीकरण हमें कई तरह के संपत्ति के वर्गों से जुड़े जोखिम को कम करने में मदद करता है। यह तब फायदेमंद साबित होता है, जब किसी म्यूचुअल फंड का एक हिस्सा गिरावट का अनुभव करता है। विविधीकरण के साथ, एक परिसंपत्ति वर्ग (Asset Class) से जुड़े जोखिम को दूसरे के द्वारा कम जाता है। इस तरह, यदि आपके पोर्टफोलियो का कोई विशेष हिस्सा में गिरावट आता है, तो आप अपने निवेश के पूरे पैसे को नहीं खोते हैं।

2. अनुभवी फंड मैनेजर

दोस्तों, यदि आपको रिसर्च करने में दिक्कतें आती हैं या आपके पास रिसर्च करने का समय और संसाधन नहीं है, तो म्यूच्यूअल फंड मैं निवेश करना आपके लिए सबसे सही विकल्प होगा। हर म्यूचूअल फंड स्कीम के लिए ऐसेट एसेट मैनेजमेंट कंपनी के द्वारा फंड मैनेजर नियुक्त किया जाता है|फंड मैनेजर की मदत से म्यूच्यूअल फंड से आपको एक मिश्रित निवेश का पोर्टफोलियो मिल जाता है।

इस पोर्टफोलियो की मदद से आप अच्छे रिटर्न की उम्मीद कर सकते हैं|एक फंड मैनेजर लगातार निवेश की निगरानी करता है और ज्यादा से ज्यादा फायदा कमाने के उद्देश्यों को पूरा करने के लिए पोर्टफोलियो में समय-समय पर बदलाव करता रहता है। यह पेशेवर प्रबंधन म्यूचुअल फंड के सबसे जरूरी फ़ायदों में से एक है।

3. टैक्स की बचत के फायदे

एक खास तरह के म्यूचुअल फंड से जुड़े टैक्स बेनिफिट्स शायद ज्यादातर निवेशकों को इस निवेश की ओर आकर्षित करते हैं। म्यूचुअल फंड में निवेश को बढ़ावा देने के लिए, भारत सरकार कई कर लाभ (tax benefits) प्रदान करती है।

उदाहरण के लिए, यदि आप इक्विटी-लिंक्ड सेविंग स्कीम (ईएलएसएस) में निवेश करते है, तो आप इंकम टैक्स ऐक्ट की धारा 80C के तहत कर कटौती (tax deduction) के लिए योग्य है। यहाँ एकमात्र चेतावनी यह है कि यह साधन 3 साल की लॉक-इन अवधि के साथ आता है, जिसका अर्थ है कि आप इस अवधि के दौरान निवेशित धन का उपयोग नहीं कर पाएंगे।

4. निवेश और निकासी में लचीलापन

दोस्तों म्यूच्यूअल फंड की संरचना में निवेश और निकासी के लचीलापन का विशेष ध्यान रखा जाता सभी निवेदन को बढ़ाने के लिए तो आप एसआईपी (SIP) और एकमुश्त (Lumpsum) निवेश, दोनों ही तरीके से निवेश कर सकते हैं| SIP के माध्यम से आप मात्र ₹500 से अपना निवेश शुरू कर सकते हैं| म्यूचुअल फंड में निवेश करने के लिए यह एक बहुत बड़ी छूट है| इसी तरीके से आप जब चाहे एकमुश्त निवेश भी कर सकते हैं|

म्यूचुअल फंड में लचीलापन निवेशित धन की निकासी में भी मिलता है| आप किसी भी म्यूचुअल फंड में निवेश किए गए धन को अपनी मर्जी के अनुसार जब चाहे रिडीम कर सकते हैं| रिडीम करने के कुछ ही दिन के अंदर आपका पैसा आपके अकाउंट में भेज दिया जाता है| इस तरीके से आपका पैसा हमेशा आपके कंट्रोल में होता है सिर्फ फंड मैनेजर इसे मैनेज करता है|

निवेश पर अधिक रिटर्न

सभी निवेशकों का लक्ष्य महंगाई को मात देने और लंबी समय सीमा में अपने धन को बढ़ाने के लिए म्यूचुअल फंड जैसे वित्तीय साधनों में निवेश करके अधिक ROI प्राप्त करना है। म्यूचुअल फंड में समय के साथ ज्यादा रिटर्न प्रदान करने की अधिक संभावनाएं होती हैं क्योंकि कोई व्यक्ति विविध क्षेत्रों और उद्योगों में निवेश कर सकता है।

भारत सरकार की निगरानी

सभी म्यूच्यूअल फंड पर भारत सरकार की संस्थान- Securities and Exchange Board of India (SEBI) के द्वारा नियंत्रित किया जाता है|इसका मतलब यह है कि सभी म्यूचुअल फंड हाउसों को सेबी द्वारा निर्धारित हर एक आदेशों का पालन करना आवश्यक है। यह बदले में, निवेशकों के हितों की रक्षा करता है। इसके अलावा, सेबी ने सभी म्यूचुअल फंडों के लिए हर महीने अपने पोर्टफोलियो का खुलासा करना अनिवार्य कर दिया है।

म्यूचूअल फंड के कितने प्रकार है?

म्यूचुअल फंड आपको निवेश के लिए सबसे अच्छा, आसान और लचीले तरीकों से एक विविध पोर्टफोलियो बनाने का मौका देता है। कई तरह के म्युचुअल फंड हैं जो निवेशकों को कई जोखिम लेने की क्षमता के अनुसार कई विकल्प प्रदान करते हैं। आइए हम बाजार में उपलब्ध विभिन्न प्रकार के म्युचुअल फंडों को समझें ताकि आपको निवेश संबंधी निर्णय लेने में मदद मिल सके।

मोटे तौर पर, कोई भी म्यूचुअल फंड या तो इक्विटी, डेट या दोनों के मिश्रण में निवेश करेगा। इसके अलावा, वे ओपन-एंडेड या क्लोज-एंडेड म्यूचुअल फंड स्कीम हो सकते हैं।

ओपन एंडेड फंड (Open Ended Fund)

एक ओपन-एंडेड म्यूचुअल फंड में, एक निवेशक किसी भी समय निवेश या प्रवेश और रिडीम या बाहर निकल सकता है। इसकी कोई निश्चित परिपक्वता अवधि (Maturity Period) नहीं होती है।

क्लोज-एंडेड फंड (Close Ended Fund)

क्लोज-एंडेड म्यूचुअल फंड की एक निश्चित परिपक्वता तिथि (Maturity Date) होती है। एक निवेशक केवल शुरुआती समय के दौरान इस प्रकार की योजनाओं में निवेश या प्रवेश कर सकता है जिसे न्यू फंड ऑफर या एनएफओ (NFO) अवधि के रूप में जाना जाता है। उसका/उसकी निवेश परिपक्वता तिथि (Maturity Date) पर खुद ब खुद भुगतान कर दिया जाएगा। वे स्टॉक एक्सचेंजों में सूचीबद्ध (listed) हैं।

आइए भारत में उपलब्ध विभिन्न प्रकार के इक्विटी और डेट म्यूचुअल फंड पर एक नज़र डालें:

Lumpsum Investment Plan (LIP)
Lumpsum Investment Plan (LIP)

1. इक्विटी या ग्रोथ स्कीम (Equity or Growth Scheme)

ये सबसे लोकप्रिय म्यूचुअल फंड योजनाओं में से एक हैं। वे निवेशकों को शेयर बाजारों में भाग लेने की अनुमति देते हैं। हालांकि उच्च जोखिम के रूप में वर्गीकृत (classified), इन योजनाओं में लंबे समय में उच्च रिटर्न की संभावना भी होती है। वे निवेशकों के लिए अपनी प्रमुख कमाई के चरण में बेहतर हैं, जो एक ऐसा पोर्टफोलियो बनाना चाहते हैं जो उन्हें लंबी समय सीमा में बेहतर रिटर्न दे। आम तौर पर एक इक्विटी फंड या डायवर्सिफाइड इक्विटी फंड जिसे आमतौर पर जोखिम को कम करने के लिए कई क्षेत्रों में निवेश किया जाता है।

इक्विटी फंड को आगे तीन श्रेणियों में विभाजित किया जा सकता है:

सेक्टर-विशिष्ट फंड (Sector-specific funds):

ये म्यूचुअल फंड हैं जो एक विशिष्ट क्षेत्र (specific sector) में निवेश करते हैं। ये बुनियादी ढांचे (Infrastructure), बैंकिंग, खनन, आदि जैसे क्षेत्र या मिड-कैप, स्मॉल-कैप या लार्ज-कैप सेगमेंट जैसे विशिष्ट खंड (specific segment) हो सकते हैं। वे उन निवेशकों के लिए सही हैं जो ज्यादा जोखिम लेने की क्षमता रखते हैं और ज्यादा रिटर्न देने की क्षमता रखते हैं।

इंडेक्स फंड (Index funds):

इंडेक्स फंड उन निवेशकों के लिए बेहतर हैं जो इक्विटी म्यूचुअल फंड में निवेश करना चाहते हैं लेकिन साथ ही फंड मैनेजर पर निर्भर नहीं रहना चाहते हैं। एक इंडेक्स म्यूचुअल फंड उसी रणनीति का पालन करता है जिस इंडेक्स पर वह आधारित होता है।

उदाहरण के लिए, यदि कोई इंडेक्स फंड बीएसई इंडेक्स (BSE Index) को रेप्लिकेटिंग इंडेक्स के रूप में फॉलो करता है और अगर स्टॉक ए (Stock- A) में इसका 20% वेटेज है, तो इंडेक्स फंड भी स्टॉक ए में अपनी संपत्ति का 20% निवेश करेगा।

इंडेक्स फंड उनके द्वारा दर्शाए गए इंडेक्स के अनुसार रिटर्न का वादा करते हैं। इसके अलावा, वे नुकसान को उनके द्वारा फॉलो किए जाने वाले इंडेक्स के आनुपातिक नुकसान तक सीमित कर देते हैं, जिससे वे मध्यम जोखिम वाले निवेशकों के लिए सही हो जाते हैं।

टैक्स सेविंग फंड (Tax Saving Funds):

ये फंड निवेशकों को कर लाभ (tax benefit) देते हैं। वे इक्विटी में निवेश करते हैं और उन्हें इक्विटी लिंक्ड सेविंग स्कीम (ईएलएसएस) भी कहा जाता है। इस प्रकार की योजनाओं में 3 साल की लॉक-इन अवधि होती है। योजना में निवेश आयकर अधिनियम, 1961 की धारा 80सी के तहत कर कटौती के लिए पात्र हैं।

2. मनी मार्केट फंड या लिक्विड फंड (Money market funds or liquid funds):

ये फंड शॉर्ट टर्म डेट इंस्ट्रूमेंट्स में निवेश करते हैं, जिससे निवेशकों को कम समय में उचित रिटर्न मिल सके। ये फंड कम जोखिम वाले निवेशकों के लिए बेहतर हैं जो कम समय के लिए अपने अधिक फंड को इस्तेमाल करने की सोच रहे हैं। ये बचत बैंक खाते में पैसा डालने का एक तरीका हैं।

3. निश्चित आय या डेट म्यूचुअल फंड (Fixed income or debt mutual funds):

ये फंड अधिकांश धन को ऋण में निवेश करते हैं – निश्चित आय यानी सरकारी प्रतिभूतियों (Government Securities), बॉन्ड, डिबेंचर इत्यादि जैसे निश्चित कमाई देने वाले उपकरण। जिनके पास कम जोखिम-कम-वापसी चाहते है और कम जोखिम वाले निवेशकों के लिए सही हैं एक स्थिर आय कमाना। हालांकि, वे क्रेडिट जोखिम के अधीन हैं।

4. बैलेंस्ड फंड (Balanced funds):

जैसा कि नाम से पता चलता है, ये म्यूचुअल फंड स्कीम हैं जो अपने निवेश को इक्विटी और डेट के बीच बांटती हैं। बाजार के जोखिमों के आधार पर निवेश करने का तरीका बदलता रह सकता है। वे उन निवेशकों के लिए बेहतरीन हैं जो कम जोखिम वाले मध्यम रिटर्न चाहते हैं।

5. हाइब्रिड/मासिक आय योजनाएं (एमआईपी)- Hybrid / Monthly Income Plans (MIP):

ये फंड बैलेंस्ड फंड के समान होते हैं लेकिन बैलेंस्ड फंड की तुलना में इक्विटी एसेट्स का अनुपात कम होता है। इसलिए, उन्हें मार्जिनल इक्विटी फंड भी कहा जाता है। वे उन निवेशकों के लिए विशेष रूप से बेहतर हैं जो रिटाइर हो चुके हैं और तुलनात्मक रूप से कम जोखिम के साथ नियमित आय चाहते हैं।

6. गिल्ट फंड (Glit Funds):

ये फंड केवल सरकारी प्रतिभूतियों (Government Securities) में निवेश करते हैं। वे उन निवेशकों द्वारा पसंद किए जाते हैं जो जोखिम से बचते हैं और अपने निवेश से जुड़ा कोई क्रेडिट जोखिम नहीं चाहते हैं। हालांकि, वे ज्यादा ब्याज दर जोखिम के अधीन हैं।

म्यूचूअल फंड कैसे चुने?

म्यूचूअल फंड का चयन करने के लिए कुछ बातों का ध्यान रखना जरूरी है| आइए जानते किन चीजों का ध्यान रखे किसी भी म्यूचूअल फंड को चुनने से पहले-

  • लक्ष्यों और जोखिम सहनशीलता की पहचान करना
  • शैली और फंड का प्रकार
  • शुल्क और भार
  • निष्क्रिय बनाम सक्रिय प्रबंधन
  • प्रबंधकों और पिछले परिणामों का मूल्यांकन
  • फंड का आकार
  • इतिहास अक्सर नहीं दोहराता

इन चीजों को यदि आप अपने ध्यान मे रखते हुए अपने म्यूचूअल फंड का चयन करते है, तो आप बिल्कुल एक अच्छा, सही और बेहतर म्यूचूअल फंड चुनने में सफल होंगें|

म्यूचूअल फंड में कैसे निवेश करें?

इस फंड में निवेशक दो तरीके से निवेश करते है-

  1. व्यवस्थित निवेश योजना (Systematic Investment Plan)- SIP
  2. एकमुश्त (Lumpsum)

दोस्तों, निवेश करने के लिए आज आपके पास कई तरह के Apps और Websites मजूद है| जैसे- Groww, MyCams, InvesTap, KTrack Mobile App, IPRUTouch App इत्यादि|

यदि आप user-friendly, fast और सबसे अच्छे App की तलाश कर रहे है तो आप Groww App में रजिस्टर करके अपना म्यूचूअल फंड खरीदना शुरू कर सकते है| यह App बहुत अच्छे से आपको आपके जरूरत के अनुसार म्यूचूअल फंड्ज की जानकारी देता है| तो अब इंतज़ार क्यों करना, आज ही शुरू करें अपना निवेश|

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निष्कर्ष

दोस्तों, ये थी सारी जानकारी म्यूचूअल फंड क्या है, के बारे में| अब तक आपने इस ब्लॉग में जाना की म्यूचूअल फंड क्या है हिन्दी में?, कितने तरह के म्यूचूअल फंड होते है?, म्यूचूअल फंड कैसे चुने? और म्यूचूअल फंड में कैसे निवेश करें?

मैं आशा करता हूँ की आपको इस ब्लॉग में सारी जानकारी मिल गई होगी| यदि आपको यह ब्लॉग पसंद आई हो तो अपने दोस्तों के साथ भी शेयर करें| धन्यवाद!

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