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हेल्थ इंश्योरेंस खरीदने के 5 जरूरी कारण

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इस आर्टिकल में आप जानेंगे कि क्यों जरूरी है हेल्थ इंश्योरेंस लेना? क्या है हेल्थ इंश्योरेंस के फायदे?, और कैसे चुने एक बेहतर हेल्थ इंश्योरेंस प्लान?

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हाल ही में मेरे एक रिस्तेदार, जो अपने घर के एक मात्र कमाने वाले व्यक्ति थे, उनको अस्पताल में कोरोना होने के कारण भर्ती करना पड़ा। इस व्यक्ति को लगातार 7-8 दिनों तक आयसीयू (ICU) में भर्ती रहना पड़ा।

ऐसे में उनकी पत्नी, जिसे अपने घर के पैसों का कोई हिसाब-किताब नहीं पता था, वो इतनी परेशान हो चुकी थी की उसे कुछ भी समझ नहीं आ रहा था की वो अकेले कैसे इन सब चीजों को संभाले।

क्या उसे अस्पताल के खर्चों पर ध्यान देना चाहिए, क्या उसे अपने बच्चों का ध्यान रखना चाहिए, क्या उसे अपने घर के EMI को चुकाने पर ध्यान देना चाहिए या अपने गाड़ियों के EMI को चुकाना चाहिए?

ऐसे में उनकी पत्नी इतनी कन्फ्यूज़ हो गई की उसे कुछ भी समझ नहीं आने लगा। ऐसे स्तिथि में क्या करना चाहिए?

मैं नहीं चाहता की आप में से किसी भी व्यक्ति को ऐसे स्तिथि का सामना करना पड़े, लेकिन यदि ऐसा आपके साथ होता है तो क्या आप उसके लिए तैयार है?

दोस्तों, हम कई तरह के आर्टिकल पढ़ते है, जिससे हमें कुछ मज़ा आता है लेकिन यह आर्टिकल मज़े के लिए नहीं है। यह एक गंभीर टॉपिक है, जो है हेल्थ इंश्योरेंस।

आप में से कई लोग इस पार्ट को नजरंदाज कर देते है, इसलिए मैं चाहता हूँ की आप इस आर्टिकल की मदत से समझे की “हेल्थ इंश्योरेंस क्यों जरूरी है?“।

हम लोग आज बहुत सारी बातें करने वाले है जैसे की- हमें हेल्थ इंश्योरेंस की क्यों जरूरत है?, 10 जरूरी चीज़े जो आपको किसी तरह का हेल्थ इंश्योरेंस खरीदने से पहले चेक करना चाहिए।

मैं समझता हूँ की यह पूरी तरह से एक ऐसा आर्टिकल है जिसमे आप हेल्थ इंश्योरेंस के बारे में बहुत कुछ सीखने वाले है। इस आर्टिकल को अपने दोस्तों के साथ भी जरूर शेयर करें ताकि उन्हें भी हेल्थ इंश्योरेंस के बारे में पूरी जानकारी मिल सके।

हेल्थ इंश्योरेंस क्या है?

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दोस्तों, चलिए बहुत ही आसान भासा में समझते है की हेल्थ इंश्योरेंस क्या है? हेल्थ इंश्योरेंस कुछ और नहीं बल्कि एक सुरक्षा है, जो आपको इंश्योरेंस कंपनी के द्वारा दिया जाता है।

इस सुरक्षा के मदत से आपके मेडिकल खर्चों के पैसे या तो आपको वापस कर दिए जाते है या फिर इंश्योरेंस कंपनी सीधे अस्पताल को भुगतान कर देती है।

उद्धारण के लिए– मान लीजिए की आपको अस्पताल में भर्ती होना पड़ा। ऐसे में 2 चीज़े होंगी-

  1. आप अस्पताल के खर्चों का भुगतान कर दीजिए फिर इंश्योरेंस कंपनी के द्वारा आपको वह पैसे वापस कर दिया जाएगा। इसे कहा जाता है “Reimbursement“।
  2. आपके अस्पताल के खर्चों का भुगतान इंश्योरेंस कंपनी के द्वारा सीधे अस्पताल को कर दिया जाएगा। इसे कहते है “Cashless“, आपने कहीं न कहीं इसके बारे में सुना होगा।

अब सवाल यह है की क्या हेल्थ इंश्योरेंस हाल ही में मार्केट में आए है? इसका जवाब है- नहीं, बिल्कुल नहीं। हेल्थ इंश्योरेंस का उल्लेख कौटिल्य के अर्थशास्त्र में भी है।

उसके बाद हमारी भारतीय सरकार ने मूल रूप से केंद्र सरकार के कर्मचारियों के लिए इसे पेश किया, फिर राज्य सरकार के कर्मचारियों के लिए। आखिर में 1986 में, हेल्थ इंश्योरेंस को प्राइवेट सेक्टर के कर्मचारियों के लिए भी लागू कर दिया गया।

साल 1999 में, यहां तक ​​कि एक Regulatory Authority बनाया गया जिसे आज हम IRDA (Insurance Regulatory And Development Authority) के नाम से जानते है। जैसे हमारे पास स्टॉक मार्केट के लिए SEBI है, वैसे ही हमारे पास इंश्योरेंस क्षेत्र के लिए IRDA है।

इस आसान से समझ के साथ जब भी मैं हेल्थ इंश्योरेंस के बारे में बात करता हूँ तो कृपया ये ना कहें की मेरे पास तो LIC है!

आपके पास LIC नहीं हो सकता, आपके पास इंश्योरेंस हो सकता है, या तो आपके पास लाइफ इंश्योरेंस होगा या फिर हेल्थ इंश्योरेंस। सही माइने में आपके पास दोनों ही होना चाहिए। यहाँ सवाल आता है- क्यों?

लाइफ इंश्योरेंस आपको किसी मृत व्यक्ति के इंकम का replacement है, और हेल्थ इंश्योरेंस आपको recovery देता है जो पैसे आपने खर्च किए है अस्पताल के खर्चों पर।

हेल्थ इंश्योरेंस क्यों खरीदना चाहिए?

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चलिए अब 5 सबसे जरूरी बातें समझते है की हमें एक हेल्थ इंश्योरेंस क्यों लेना चाहिए?

1. हम अपनी सबसे बड़ी संपत्ति हैं-

मैं समझता हूँ की मैं खुद के लिए सबसे बड़ा संपत्ति हूँ, इसलिए मुझे खुद की बीमा करनी चाहिए।

2. बचत बचा रहता है

मान लीजिए मुझे ₹5 लाख की बचत करनी है। हो सकता है कि यह पैसे में 1 साल में बचत कर लूं या फिर 2 साल भी लग जाएंगे इतने पैसे बचत करने में। लेकिन अगर 6 से 7 दिनों के अंदर सारे पैसे हॉस्पिटल के खर्चों पर खर्च हो जाते हैं।

तो यह एक बहुत बड़ी बात है। इसलिए इन पैसों को मुझे बचत करने के लिए एक हेल्थ इंश्योरेंस की जरूरत पड़ेगी।

3. मेडिकल की महंगाई से निपटने के लिए-

मान लीजिए किसी व्यक्ति ने 5 साल पहले हेल्थ इंश्योरेंस लिया है। तो क्या 5 साल पहले और आज का मेडिकल खर्च एक समान हो सकता है? इसका जवाब है- नहीं

जैसे हर साल आम तौर पर महंगाई बढ़ती है, वैसे ही मेडिकल खर्चों पर भी महंगाई बढ़ेगी। इसलिए हेल्थ इंश्योरेंस लेना जरूरी है और साथ में यह भी देखना जरूरी है की आपके हेल्थ इंश्योरेंस का अमाउन्ट कितना लग रहा है।

4. जीवन शैली की बीमारियों से लड़ने के लिए-

आप सभी को पता होगा की कोरोना के दूसरे चरण में, 20 साल या 30 साल के लोगों को भी बहुत सारे परेशानियों का सामना करना पड़ा था, जैसे- सांस लेने में तकलीफ हो रही थी।

ऐसे बहुत सारे लोग है जिन्हे 30 साल के उम्र में diabetes, मोटापा, और ब्लड प्रेशर जैसी बीमारियों का सामना करना पड़ता है।

हमें इसे एक सच्चाई के रूप में स्वीकार करना होगा, और इन जीवनशैली बीमारियों से लड़ने के लिए एक सही स्वास्थ्य बीमा लेना होगा।

5. सुरक्षित रहने के लिए जल्दी बीमा कराएं-

एक नियम के रूप में यदि हम अपना इंश्योरेंस जल्दी करवा लेते हैं तो हमारा इंश्योरेंस प्रीमियम कम होता है, और जैसे-जैसे हमारी उम्र बढ़ती हैं तो अपने आप ही हमारा इंश्योरेंस प्रीमियम बढ़ता जाता है। इसलिए, बहुत जरूरी है की कम उम्र में हम अपना इंश्योरेंस कराएं।

हेल्थ इंश्योरेंस vs मेडीक्लैम

अब हम बात करने वाले है 10 सबसे जरूरी चीजों के बारें में जो आपको एक हेल्थ इंश्योरेंस खरीदने से पहले ध्यान में रखना चाहिए।

लेकिन अब यहाँ बहुत सारे लोगों का सवाल होगा की हेल्थ इंश्योरेंस खरीदने से पहले या फिर मेडीक्लैम खरीदने से पहले? सही माइने में क्या फर्क है दोनों में?

वैसे तो यह एक बहुत बड़ी बहस हो सकती है की दोनों एक दूसरे से अलग है या एक समान है? किताबी भासा में यदि देखा जाए तो दोनों में थोड़ा फर्क तो है।

अगर मैं आपको मेडीक्लैम के बारे में बताऊ तो जब मेडीक्लैम आया तो इसे सिर्फ अस्पताल के खर्चों को रिकवर करने के लिए इस्तेमाल किया जाता था।

वहीं हेल्थ इंश्योरेंस को नाही सिर्फ अस्पताल के खर्चों को रिकवर करने के लिए इस्तेमाल किया जाता था बल्कि कुछ अस्पताल में भर्ती होने से पहले के खर्चों और अस्पताल से बाहर आने के बाद के खर्चों के लिए भी इस्तेमाल किया जाता था।

लेकिन इस चीज को मात देने के लिए मेडीक्लैम भी अस्पताल के पहले और बाद के खर्चों का कवर देने लगी। आज की बात करें तो हेल्थ इंश्योरेंस और मेडीक्लैम में सही माइने में कोई फर्क नहीं रह गया है।

हेल्थ इंश्योरेंस खरीदने से पहले 10 जरूरी बातों का रखे ध्यान

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आइए अब समझते है 10 जरूरी बातें जो आपको एक हेल्थ इंश्योरेंस खरीदने से पहले ध्यान देना चाहिए। सबसे पहले आता Cashless Treatment.

1. Cashless Treatment

Cashless Treatment उनके लिए जरूरी है जिनके पास ज्यादा नगद उपलब्ध नहीं होता है उनके बचत खाता में या FD (fixed deposit account) में। जिस किसी के पास कम नगद उपलब्ध होता है उन्हें cashless treatment जरूर लेना चाहिए।

2. Network Hospitals

जब भी आप एक हेल्थ इंश्योरेंस पॉलिसी लेते है, इंश्योरेंस कंपनी आपके पॉलिसी में लिखित रूप से बताती है की कौन-कौन से अस्पताल उनसे जुड़े हुए है।

मान लीजिए की आप किसी जगह पर रहते है और आपके नेटवर्क के अस्पताल आपके जगह से 10 Km दूर है तो इसका कोई मलताब नहीं बनता है। इसलिए ध्यान रखें की आपके नेटवर्क के अस्पताल आपके घर से काफी नजदीक में हो।

3. Coverage for Pre & Post Hospitalisation

Pre Hospitalisation Expenses में आपके कुछ टेस्ट के खर्चे हो सकते है जैसे- ब्लड टेस्ट या किसी डॉक्टर से परामर्श लेने का फीस हो सकता है। कभी-कभी यह आपके पॉलिसी में कवर किया जाता है।

ऐसे में एक बार अपने पॉलिसी में यह एक बार चेक जरूर करें।

Post Hospitalisation Expenses में आपके किसी थेरपी के खर्च को शामिल किया जा सकता है।

मान लीजिए की आपकी कोई सड़क दुर्घटना हो गई और आपको अस्पताल से बाहर आने के बाद डॉक्टर ने कहा है की आपको फिज़ीओथेरपी treatment लेना होगा।

ऐसे में चेक करें की आपकी पॉलिसी में किस-किस तरह की थेरपी का कवर मिल रहा है।

4. Claim Settlement Ratio

इसमे आसान सा नियम है, जितना ज्यादा उतना बेहतर। अगर किसी पॉलिसी में आपको 97% claim settlement ratio मिल रहा है, इसका मतलब है की जब 100 क्लैम हुए तो 95 क्लैम करने वालों को क्लैम अमाउन्ट मिला।

ऐसे में आप चेक करें की आप जो हेल्थ इंश्योरेंस पॉलिसी लेना चाहते है, उसका क्लैम सेटलमेंट रैशीओ ज्यादा है।

5. More Than Hospitalisation

मान लीजिए की आपके दादा या दादी किसी अस्पताल में भर्ती हुए है, और अस्पताल से बाहर आने के बाद उन्हें day-care जैसी सुविधा की जरूरत है।

ऐसे में क्या आपकी पॉलिसी इन खर्चों को भी कवर करती है या नहीं, इसे आप चेक कर सकते है। ऐसी बहुत सारी सुविधाए होती है जैसे Day-Care सुविधा और मटर्निटी सुविधा जो आपकी हेल्थ इंश्योरेंस पॉलिसी कवर कर सकती है।

6. Restoration Benefit

यह एक बहुत बढ़िया सुविधा है हेल्थ इंश्योरेंस का। मान लीजिए की दो condition है, पहले condition में एक पॉलिसी घर के कमाने वाले व्यक्ति का है, एक पॉलिसी उसके पत्नी का और दो पॉलिसी उनके दो बच्चों का।

दूसरे condition में सभी लोगों को एक पॉलिसी के तहत कवर किया जा रहा है। साथ ही दूसरे condition वाले पॉलिसी में restoration benefit जुड़ा हुआ है। अब यहाँ सवाल आता है की यह restoration benefit क्या होता है।

मान लीजिए पहले घर का कमाने वाला व्यक्ति अस्पताल में भर्ती हुआ, और उसने जो ₹5 लाख का कवर अमाउंट लिया था उसका इस्तेमाल कर लिया।

कुछ दिनों के बाद मान लीजिए उनकी पत्नी को अस्पताल में भर्ती होना पड़ा तो ऐसे में इंसुरेंस कंपनी फिर से आपकी पॉलिसी में वह ₹5 लाख का कवर उपलब्ध कर देती है।

कुछ दिनों के बाद मान लीजिए कि उनके बच्चों को अस्पताल में भर्ती करना पड़ा, तो इंश्योरेंस कंपनी फिर से आपका ₹5 लाख का कवर आपके बच्चों के लिए आपके पॉलिसी में उपलब्ध कर देगी।

ऐसे में सवाल आता है की फिर restoration benefit में क्या कवर नहीं होता है?

मान लीजिए एक व्यक्ति अस्पताल में भर्ती हुआ और उसने ₹5 लाख का कवर इस्तेमाल कर लिया, फिर कुछ दिनों बाद उसी व्यक्ति को दोबारा से अस्पताल में भर्ती होना पड़ा तो इंश्योरेंस कंपनी ऐसी कंडीशन में आपके पॉलिसी का कवर अमाउंट दोबारा से उपलब्ध नहीं करती है।

अब आप समझ चुके है की restoration benefit क्या है। अब अपने पॉलिसी में चेक करें की क्या आपकी इंश्योरेंस कंपनी आपको यह सुविधा दे रही है या नहीं।

7. Co-Pay Clause

कुछ पॉलिसी का कहना है की आप कुछ पेमेंट करो और कुछ पेमेंट हम करेंगे, ऐसे पॉलिसी न खरीदे। आप या तो पूरा पेमेंट कीजिए या फिर आप cashless पॉलिसी लें। आधा-आधा पेमेंट के चक्कर में ना पड़ें।

8. Insurance Cap

मान लीजिए की आपने एक हेल्थ इंश्योरेंस पॉलिसी लिया जिसमे आपको पूरे ₹5 लाख का कवर मिल रहा है लेकिन उस पॉलिसी में यह भी लिखा हुआ है कि मैटरनिटी कवर आपको सिर्फ ₹50 हजार के लिए मिलेगा।

ऐसे में अपनी पॉलिसी को ध्यानपूर्वक पढ़ें और सावधान रहें।

9. Waiting Period

यदि हम कोरोना की बात करें तो कई इंश्योरेंस कंपनी अपने हेल्थ इंश्योरेंस पॉलिसी में कोरोना को कवर कर रहे हैं। मान लीजिए कि एक हेल्थ इंश्योरेंस कंपनी है जो कोरोना को कवर कर रही है लेकिन 30 दिनों के वेटिंग पीरियड के साथ।

ऐसे में यदि मैं आज एक हेल्थ इंश्योरेंस पॉलिसी लेता हूं और कल मुझे कोरोना हो जाता है तो मुझे कोरोना के लिए कवर नहीं मिलेगा।

जब भी आप एक नई हेल्थ इंश्योरेंस पॉलिसी ले तो ध्यान रखें की कौन-कौन सी बीमारी एक वेटिंग पीरियड के साथ उस पॉलिसी में शामिल की गई है।

10. No Claim Bonus

मान लीजिए कि आप अपने सारे प्रीमियम समय से पेमेंट करते जा रहे हैं और पूरे साल में आप एक बार भी अस्पताल में भर्ती नहीं हुए हैं।

ऐसे में अफसोस ना करें कि आपके प्रीमियम के पैसे बर्बाद हो गए, शुक्र मनाएं कि आपको अस्पताल में भर्ती होने की जरूरत नहीं पड़ी।

अगले साल जब आप अपनी पॉलिसी को रिन्यू करेंगे तो आपकी इंश्योरेंस कंपनी आपसे कम प्रीमियम का भुगतान करने को कहेंगे। यह कम प्रीमियम कुछ और नहीं बल्कि नो क्लेम बोनस है।

हेल्थ इंश्योरेंस पॉलिसी लेने से पहले इन सारे बातों का ध्यान जरूर रखें और अच्छे से चेक करें।

इन सारे 10 जरूरी बातों को समझने के बाद आपके दिमाग में एक सवाल जरूर आया होगा कि क्या ऐसी कोई वेबसाइट है जिससे हम यह सारे चीजों की तुलना करके एक बेहतर हेल्थ इंश्योरेंस पॉलिसी खरीद सकें?

इसका उत्तर है- “हां”। दोस्तों आप पॉलिसी बाजार के वेबसाइट पर जाकर इन सारी चीजों की तुलना करते हुए एक बढ़िया सा हेल्थ इंश्योरेंस अपने और अपने परिवार के लिए खरीद सकते हैं।

इस वेबसाइट पर आप 250 से ज्यादा प्लान मैं से एक बढ़िया हेल्थ इंश्योरेंस चुन सकते हैं। पॉलिसी बाजार से आप तुरंत ₹5 लाख के कवर के साथ एक हेल्थ इंश्योरेंस खरीद सकते हैं, वह भी करीब ₹300 प्रती महीने के दर से।

आप जैसे ही View Features के बटन पर क्लिक करेंगे, आपके सामने उस पॉलिसी की सारी जानकारी स्क्रीन पर दिख जाएगी। साथ ही आप यह भी चेक कर सकते हैं कि आपकी पॉलिसी कोरोना कवर की सुविधा दे रही है या नहीं।

आप Add to Compare पर क्लिक करके किसी भी पॉलिसी को किसी दूसरे पॉलिसी से तुलना कर सकते हैं।

हेल्थ इंश्योरेंस खरीदते समय आपको क्या नहीं करना चाहिए?

जब भी आप एक हेल्थ इंश्योरेंस लेते हैं तो दो चीजों के बचें। सबसे पहली बात यह ध्यान में रखें की हेल्थ इंश्योरेंस एक प्रोटेक्शन प्लान है न की इन्वेस्टमेंट प्लान।

ऐसे बहुत सारे लोग होंगे जो आपको बताएंगे कि यह एक 2 in 1 प्लान है जो आपको एक अच्छी रिटर्न देगी और साथ ही साथ आपके हेल्थ को भी कवर करेगी।

ऐसे में यह बात ध्यान रखें की यह दोनों अलग-अलग चीजें हैं और इन्हें एक प्लेन में ढूंढने की कोशिश ना करें। दूसरी बात यह की किसी भी तरह की आपकी पुरानी बीमारी को न छिपाएं।

ऐसे बहुत सारे केस में हुआ है कि लोग कहते हैं क्यों अपनी पुरानी बीमारियों के बारे में इंश्योरेंस कंपनी को बताना जब हमें पता है कि से हमारा प्रीमियम बढ़ेगा।

इन बातों को इसलिए यह लोग गुप्त रखते हैं और जब वे लोग क्लेम किए तो उनका क्लेम स्वीकार नहीं किया गया और कई बार तो उन लोगों को ब्लैकलिस्ट भी कर दिया गया है।

ऐसे में जब यह लोग अपना पॉलिसी रिन्यू करते हैं तो उन्हें बहुत सारी दिक्कतों का सामना करना पड़ता है और साथ ही ज्यादा प्रीमियम का भुगतान करना पड़ता है।

कृपया करके हेल्थ इंश्योरेंस खरीदते समय इन दोनों चीजों को ध्यान में रखें और ऐसी गलती न करें।

कोरोना कवर

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बहुत सारे लोगों के मन में यह ख्याल आता है की क्या उनके द्वारा पहले से खरीदे गए हेल्थ इंश्योरेंस पॉलिसी में कोरोना कवर है या नहीं?

IRDA के दिशा निर्देशों के अनुसार, सारे इंश्योरेंस कंपनी को कोरोना जैसी महामारी के लिए कवर देना अनिवार्य है। लेकिन यदि आप एक नई हेल्थ इंश्योरेंस पॉलिसी खरीद रहे हैं तो शायद उसमें एक वेटिंग पीरियड होगा।

नई हेल्थ इंश्योरेंस पॉलिसी लेने से पहले कृपया करके चेक कर ले की क्या इसमें कोरोना कवर को लेकर वेटिंग पीरियड है या नहीं है।

कुछ लोग ऐसे भी हो सकते हैं जो कहेंगे कि उन्हें दूसरी बीमारियों की चिंता उतनी नहीं है जितनी की कोरोना की है, इसलिए उन्हें सिर्फ कोरोना से संबंधित हेल्थ इंश्योरेंस पॉलिसी चाहिए।

तो क्या ऐसी कोई पॉलिसी है जो सिर्फ और सिर्फ कोरोना कवर को ध्यान में रखकर बनाई गई है? इसका जवाब है- “हां“। ऐसी दो पॉलिसी है-

  1. कोरोना कवच
  2. कोरोना रक्षक

टैक्स की बचत

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आइए आप समझते हैं कि यदि आप एक हेल्थ इंश्योरेंस लेते हैं तो क्या उससे आप टैक्स की बचत कर सकते हैं?

आयकर अधिनियम की एक अलग धारा है, धारा 80डी, जो हमें ₹25 हजार की छूट देती है अगर आप 60 साल से कम उम्र के व्यक्ति हैं।

अगर आप अपने माता-पिता के लिए हेल्थ इंश्योरेंस ले रहे हैं जिनकी उम्र 60 साल से अधिक है तो आपको कुल ₹75 हजार (₹25 हजार+₹50 हजार) की छूट दी जाती है।

तीसरा कंडीशन यह हो सकता है की आपकी उम्र और आपके माता-पिता की उम्र दोनों 60 साल से अधिक है। ऐसे में आपको ₹1 लाख (₹50 हजार+₹50 हजार) की छूट दी जाती है।

एक बात जो यहां ध्यान देने लायक है वह यह है की यदि आप अपने प्रीमियम की भुगतान नगद रूप से करते हैं तो आपको कोई छूट नहीं दी जाएगी।

निष्कर्ष | Conclusion

मैं उम्मीद करता हूं की आपको यह आर्टिकल पसंद आया होगा और साथ ही कुछ नया सीखने को मिला होगा।

मैं जानता हूं की इस आर्टिकल में कुछ मजा करने वाली जैसी बात नहीं थी, लेकिन अब शायद एक हेल्थ इंश्योरेंस खरीदने के लिए आपके पास वह सारी जानकारी है जिससे आप एक बेहतर हेल्थ इंश्योरेंस अपने और अपने परिवार के लिए खरीद सकते हैं।

अगर आप हेल्थ इंश्योरेंस के बारे में इस आर्टिकल के मदद से जागरूक हुए हैं तो अपने दोस्तों के साथ इस आर्टिकल को जरुर शेयर करें। धन्यवाद!

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