टर्म इंश्योरेंस राइडर क्या है? जाने क्यों जरूरी है और क्या है इसके फायदे

दोस्तों इस आर्टिकल की मदद से आज आप जानेंगे कि Term Insurance Rider Kya Hai | टर्म इंश्योरेंस राइडर क्या होता है और कौन सा राइडर आपको लेना चाहिए या नहीं लेना चाहिए?
इस आर्टिकल को यदि आप अंत तक पढ़ते हैं तो आपको किसी से भी पूछने की जरूरत नहीं पड़ेगी कि कौन सा राइडर आपके लिए सही है।
सबसे पहले हम यह समझ लेते हैं कि राइडर होते क्या है?
टर्म इंश्योरेंस राइडर क्या है? What Is Term Insurance Rider?
राइडर एक तरह का ऐडऑन कवर होता है। यह ऐड-ऑन किसी बेस प्लान (इंश्योरेंस पॉलिसी) के साथ जुड़ा हुआ होता है।
बेस प्लान की बात करें तो बेस प्लान कई तरह के हो सकते हैं जैसे हेल्थ इंश्योरेंस, टर्म इंश्योरेंस इत्यादि।
राइडर को समझने के लिए एक उदाहरण की मदद लेते हैं-
फ्लाइट की टिकट बुक करने पर आपको एक बेस प्लान ऑफर किया जाता है। इस प्लान के अनुसार फ्लाइट की टिकट बुक करने पर आपको-
- Check-in Baggage- 15kg, और Hand Baggage- 7Kg तक ले जाने की अनुमति मिलती है।
- 1 सीट मिलती है जिस पर आप बैठ कर जा सकते हैं,
- और एक जगह से दूसरे जगह तक आपको पहुंचाया जाता है।
यह सुविधा आपको टिकट बुक करने पर बेस प्लान के मदद से मिलता है। अब समझते हैं राइडर क्या होते हैं।
- यदि आपको ज्यादा लगेज लेकर जाना है तो आपको उसके लिए एक्स्ट्रा लगेज ऐडऑन लेना पड़ता है।
- यदि आपको ज्यादा लेग स्पेस वाला सीट चाहिए तो उसके लिए आपको एक्स्ट्रा चार्ज देना पड़ता है।
- यदि आपको फ्लाइट में खाना खाना है तो खाना का ऐड-ऑन लेना पड़ेगा।
इन तरह की जरूरतों के लिए आपको एक राइडर प्लान लेना पड़ता है जो आपके बेस प्लान में जुड़ जाता है।
इसी तरीके से टर्म इंश्योरेंस में आपको राइडर प्लान ऑफर किया जाता है। इन राइडर्स को आप अपने जरूरत के अनुसार अपने बेस प्लान यानी कि अपने टर्म इंश्योरेंस के साथ जोड़ सकते हैं।
हर एक टर्म इंश्योरेंस राइडर एक अलग तरह का रिस्क कवर करता है। राइडर का प्रीमियम, बेस प्लान के कवर अमाउंट का कुछ प्रतिशत होता है।
उदाहरण के लिए- यदि आप 1 करोड़ का टर्म प्लान का कवर लेते हैं और साथ में आप को-राइडर प्लान जोड़ना चाहते हैं।
ऐसे में को-राइडर का कवर अमाउंट कभी भी टर्म प्लान के कवर अमाउंट से ज्यादा नहीं हो सकता है और हमेशा टर्म प्लान के कवर अमाउंट से कम होगा (टर्म प्लान के कवर अमाउंट का कुछ प्रतिशत में होगा)।
टर्म इंसुरेंस राइडर क्यों लेना चाहिए? Why Should We Take Term Insurance Riders?
टर्म इंश्योरेंस राइडर लेना आसान होता है। बेस प्लान के लिए आपका जो दस्तावेज लगता है या मेडिकल टेस्ट होता है उसके साथ ही आपको एक राइडर प्लान भी मिल जाता है।
राइडर प्लान लेने के लिए आपको कोई अलग से भाग-दौड़ नहीं करनी पड़ती है, और ऐसे आप अपने समय की बचत भी कर पाते हैं।
साथ ही इसके आपको अलग से कोई दूसरी पॉलिसी भी नहीं मैनेज करनी पड़ती है।
टर्म इंसुरेंस राइडर के प्रकार | Types Of Term Insurance Riders
सबसे ज्यादा खरीदे जाने वाले 4 राइडर्स है, उनके नाम कुछ इस प्रकार है-
- Critical Illness Rider
- Waiver of Premium Rider
- Accidental Death Benefit Rider
- Accidental Disability Rider
और कुछ अन्य टर्म इंसुरेंस राइडर भी है जैसे-
- Income Benefit Rider
- Accelerated Death Benefit Rider
- Child Support Benefit Rider
आइए अब एक-एक करके इन राइडर्स को समझते है-
1. Critical Illness Rider
Critical Illness का मतलब गंभीर बीमारी होता है। यदि आपको किसी तरह का गंभीर बीमारी हो जाती है तो इंश्योरेंस कंपनी आपको एक तय रकम देती है।
यह रकम आपको तब मिलता है जब आपने क्रिटिकल इलनेस राइडर अपने बेस प्लान के साथ लिया हुआ है।
क्रिटिकल इलनेस राइडर दो तरह के होते हैं, एक्सीलरेटेड और कंप्रिहेंसिव। इन दोनों राइडर को आइए एक उदाहरण के मदद से समझते हैं-
1. Accelerated Plan:
- टर्म प्लान कवर अमाउंट: ₹1 करोड़
- क्रिटिकल इलनेस राइडर कवर अमाउंट: ₹30 लाख
- मेडिकल इमरजेंसी का क्लेम अमाउंट: ₹30 लाख
- वर्तमान का कुल कवर अमाउन्ट: ₹70 लाख
मान लीजिए आपने एक टर्म प्लान खरीदा जिसमें आपको टर्म प्लान कवर अमाउंट– एक करोड़ का मिला है। इसके साथ आपने एक क्रिटिकल इलनेस राइडर का कवर भी लिया है, जिसका कवर अमाउंट ₹30 लाख है।
अब यदि आपको किसी गंभीर बीमारी का सामना करना पड़ता है तो आपको इंश्योरेंस कंपनी आपका क्रिटिकल इलनेस राइडर का कवर अमाउंट (₹30 लाख रूपए) आपको दे देती है।
ऐसे में आपका वर्तमान टर्म प्लान का कवर अमाउंट ₹1 करोड़ से घटकर ₹70 लाख शेष बच जाता है।
2. Comprehensive Plan:
- टर्म प्लान कवर अमाउंट: ₹1 करोड़
- क्रिटिकल इलनेस राइडर कवर अमाउंट: ₹30 लाख
- मेडिकल इमरजेंसी का क्लेम अमाउंट: ₹30 लाख
- वर्तमान का कुल कवर अमाउन्ट: ₹1 करोड़
मान लीजिए आपने एक काम्प्रीहेन्सिव टर्म प्लान खरीदा जिसमें आपको टर्म प्लान कवर अमाउंट– एक करोड़ का मिला है। इसके साथ आपने एक क्रिटिकल इलनेस राइडर का कवर भी लिया है, जिसका कवर अमाउंट ₹30 लाख है।
अब यदि आपको किसी गंभीर बीमारी का सामना करना पड़ता है तो आपको इंश्योरेंस कंपनी आपका क्रिटिकल इलनेस राइडर का कवर अमाउंट (₹30 लाख रूपए) आपको दे देती है।
ऐसे में आपका वर्तमान टर्म प्लान का कवर अमाउंट ₹1 करोड़ ही रहेगा सिर्फ आपका क्रिटिकल इलनेस राइडर का कवर शून्य हो जाता है।
अभी शायद आपके मन में एक सवाल आया होगा की क्रिटिकल इलनेस कवर स्टैंडअलोन पॉलिसी में भी उपलब्ध है और और राइडर में भी उपलब्ध है। हमें कौनसा प्लान लेना चाहिए?
स्टैंडअलोन पॉलिसी Vs राइडर प्लान | Standalone Policy Vs Rider Plan
Cover Amount:
दोस्तों यदि आप राइडर प्लान लेते है तो आपको सीमित कवर मिलेगा, क्योंकि हमने आपको पहले ही आपको बताया है की राइडर का कवर, बेस प्लान के कवर से हमेशा काम होता है।
अगर आप स्टैंडअलोन पॉलिसी लेते है तो आप अपनी मर्जी से अपना कवर अमाउन्ट चुन सकते है।
Illness Limit:
जब आप राइडर कवर लेते है तो कई कंपनीयाँ किसी गंभीर बीमारी के शुरुवाती स्टेज को कवर नहीं करती है बल्कि एडवांस्ड स्टेज को कवर करती है।
वहीं यदि आप स्टैंडअलोन पॉलिसी लेते है तो आपको यह समस्या का सामना नहीं करना पड़ेगा और आपका कवर किसी गंभीर बीमारी के शुरुवाती स्टेज से शुरू हो जाएगा।
Documentation:
राइडर प्लान में आपको अलग से कुछ नहीं करना होगा, बेस प्लान के लिए जो डाक्यूमेन्टैशन और जो मेडिकल टेस्ट होगा, उसमे आपका राइडर का कवर आपको मिलेगा।
वहीं स्टैंडअलोन पॉलिसी में आपको डाक्यूमेन्टैशन और मेडिकल टेस्ट, दोनों ही करवाना होता है।
Base Plan:
जब आप राइडर कवर लेते है तो बेस प्लान लेना जरूरी है, और जब आप स्टैन्डअलोन पॉलिसी लेते है तो ऐसी कोई बंदिश नहीं रहती है।
Effect On Premium:
क्रिटिकल इलनेस कवर जब आप राइडर के तौर पर लेते हैं तो उसका प्रीमियम पूरे कवर पीरियड तक एक समान रहता है।
वहीं जब आप क्रिटिकल इलनेस कवर स्टैंडअलोन पॉलिसी के तौर पर लेते हैं तो आपका प्रीमियम हर 3-4 साल में बढ़ता रहेगा।
Cover Period:
राइडर का कवर पीरीअड उसके बेस पॉलिसी पर निर्भर होता है, जैसे ही बेस पॉलिसी का कवर पीरीअड समाप्त होगा आपका राइडर का भी कवर पीरीअड समाप्त हो जाएगा।
बेस पॉलिसी के कवर पीरीअड के समाप्त होने के बाद आपको राइडर का कोई फायदा नहीं मिलेगा।
वहीं यदि आप स्टैन्डअलोन क्रिटिकल इलनेस पॉलिसी लेते है तो आप उसको आजीवन renew कर सकते है।
Cost of Premium:
यदि आपकी उम्र काम है तो राइडर कवर या स्टैन्डअलोन पॉलिसी के प्रीमियम में आपको ज्यादा फर्क नहीं पड़ेगा। जैसे-जैसे आपकी उम्र बढ़ती जाती है आपको दोनों के प्रीमियम में फर्क पता चलता है।
यदि आपकी उम्र काम है तो आपको स्टैन्डअलोन पॉलिसी लेना चाहिए।
यदि आपकी उम्र ज्यादा हो गई है और आपको लगता है की स्टैन्डअलोन पॉलिसी की प्रीमियम आपके बजट के बाहर है तो आपको क्रिटिकल इलनेस पॉलिसी राइडर के तौर पर लेना चाहिए, लेकिन ले जरूर।
2. Waiver Of Premium Rider
जैसा की आपने देखा की क्रिटिकल इलनेस पॉलिसी में आपको दो तरह का प्लान मिलता है, स्टैन्डअलोन पॉलिसी और राइडर प्लान।
यह राइडर आपको जरूर लेना चाहिए क्योंकि ये राइडर दो स्तिथि में आपको मदत करती है-
- यदि आपको किसी तरह का गंभीर बीमारी हो जाए या
- आप किसी तरह के एक्सीडेंट से विकलांग हो जाए।
इन दोनों स्तिथि में आपको यह सहूलियत मिलती है की आपको आगे का प्रीमियम नहीं चुकाना पड़ता है। इससे आपके परिवार को पैसों की तंगी से राहत मिलेगा, इसलिए इस राइडर को जरूर ले लें।
3. Accidental Death Benefit Rider
यदि आपकी की मृत्यु किसी ऐसे एक्सीडेंट में होती है जो आपका टर्म इंश्योरेंस कवर करता है तो आपको एक्सीडेंटल डेथ बेनिफिट राइडर के कवर का लाभ मिलता है।
उदाहरण के लिए-
मान लीजिए कि आप की मृत्यु एक रोड एक्सीडेंट में हो गई और आपने एक करोड़ रुपए का टर्म इंश्योरेंस लिया हुआ है और साथ में एक्सीडेंटल डेथ बेनिफिट राइडर (₹30 लाख रूपए) का कवर भी लिया हुआ है।
ऐसी स्तिथि में आपके परिवार को ₹1करोड़ 30 लाख रुपए का कवर अमाउन्ट मिलता है।
इस पैसे से आपकी कमी को दूर नहीं किया जा सकता है लेकिन एक आर्थिक मदत से कई तरह की जिम्मेदारियों का बोझ हल्का किया जा सकता है।
4. Accidental Disability Rider
किसी एक्सीडेंट की वजह से यदि आप विकलांग हो जाते है तो एक्सीडेंटल डिसेबिलिटी राइडर आपको मदद करती है। विकलांग होने को 4 श्रेणी में बाटा गया है-
- Total Disability/ कुल विकलांगता
- Partial Disability/ आंशिक विकलांगता
- Permanent Disability/ स्थायी विकलांगता
- Temporary Disability/ अस्थायी विकलांगता
यदि किसी व्यक्ति को एक्सीडेंटल डिसेबिलिटी हो जाए तो उसे बहुत माइने में वित्तीय तकलीफों का सामना करना पड़ सकत है, क्योंकि विकलांग हो जाने पर वह व्यक्ति शायद काभी अपना काम ना कर पाए, या फिर पूरी तरह से किसी काम को ना कर पाए, इसकी बेहद संभावना होती है।
ऐसे में उस व्यक्ति की कमाई का जरिया कम या खतम हो जाता है। साथ ही उसके इलाज का खर्च भी बहुत ज्यादा होता है।
ऐसे में पैसों की तंगी का होना बहुत हद तक संभव है, इसलिए यदि आप एक्सीडेंटल डिसेबिलिटी राइडर लेते है तो आपको बहुत सारी तकलीफों से राहत मिल सकती है।
अब शायद आपके मन में एक सवाल आया होगा की एक्सीडेंटल डिसेबिलिटी के लिए राइडर कवर ले या स्टैन्डअलोन पॉलिसी खरीदे?
दोस्तों, यदि आप एक्सीडेंटल डिसेबिलिटी और एक्सीडेंटल डेथ के लिए राइडर कवर लेते है तो कई बार ऐसा होता है की इंश्योरेंस कंपनी उसे एक्सीडेंटल मानती ही नहीं है।
ऐसे में आपका राइडर कवर का कवर अमाउन्ट आपको समय पर नहीं मिल पता है, साथ ही इसके आपका टर्म इंश्योरेंस का कवर अमाउन्ट भी नहीं मिल पता है।
इस लिए मैं आपको बताना चाहूँगा की यदि आप इन दोनों कवर के लिए पर्सनल एक्सीडेंट पॉलिसी लेते है तो बेहतर होगा।
पर्सनल एक्सीडेंट पॉलिसी में लगभग हर तरह की एक्सीडेंट और विकलांगता को कवर मिलता है साथ ही इसके आप आपने अनुसार अपना कवर अमाउन्ट भी चुन सकते है।
ऐसे में आपके परिवार के लोग आपको एक बोझ ना समझ कर आप पर गर्व महसूस करेंगे की आपने समय रहते ही इतनी सही निर्णय लिया था।
दोस्तों यह थी 4 सबसे ज्यादा लिए जाने वाले टर्म इंश्योरेंस राइडर कवर।
आइए अब जानते है कुछ और अन्य राइडर्स के बारे में जो आप अपने टर्म इंश्योरेंस के साथ ले सकते है।
1. Income Benefit Rider
यदि आप इनकम बेनिफिट राइडर लेते है और आपके टर्म इंश्योरेंस के कवर की समय सीमा के दौरान आपकी मृत्यु हो जाती है, तो इंश्योरेंस कंपनी आपके परिवार को एक निर्धारित रकम हर महीने किस्तों के रूप में देती है।
इस राइडर की मदत से आपके पारिवारिक खर्चों के लिए आय का श्रोत्र बनाया जा सकता है।
आपकी कमी तो शायद हमेशा रहेगी लेकिन आपके परिवार के जरूरतों को पूरा करने के लिए एक आय का साधन मिल जाएगा। यह राइडर एक बड़िया उपाय साबित हो सकता है।
2. Accelerated Death Benefit Rider
यदि आपको किसी तरह की लाइलाज बीमारी हो गई है और आपकी ज़िंदगी के अब शायद 1 साल या ज्यादा से ज्यादा 2 साल बचे है, तो ऐसे में काम आता है एक्सीलरेटेड डेथ बेनिफिट राइडर।
इस राइडर की मदत से आपके डेथ बेनीफिट कवर का कुछ अमाउन्ट आपको मिल जाता है, जिससे आपकी पैसों की दिक्कतों को कम किया जा सकता है, अपने रोजाना खर्चों के लिए इस्तेमाल कर सकते है और साथ ही आपके इलाज के लिए खर्च कर सकते है।
यह अमाउन्ट बाद में आपके डेथ बेनीफिट कवर के अमाउन्ट से घाटा दिया जाता है, और आपके परिवार को आपके मृत्यु हो जाने पर बाकी के बचे पैसे मिलते है।
आमतौर पर इस राइडर का प्रीमियम ज्यादा होता है।
3. Child Support Benefit Rider
चाइल्ड सपोर्ट बेनिफिट राइडर एक और जरूरी कवर है क्योंकि यह बच्चों को उनके माता-पिता की मृत्यु पर एक्स्ट्रा कवर अमाउन्ट का भुगतान करता है, जो टर्म पॉलिसी के हिस्से के रूप में इस राइडर को चुनते हैं।
यह गारंटी देता है कि बच्चे की जरूरतों का ध्यान रखा जाता है, और वे बिना वित्तीय चिंता के अपनी शिक्षा और सपनों को आगे बढ़ा सकते हैं।
यदि आप इन कवर को एक पॉलिसी के तौर पर लेना चाहते हैं तो याद रखें कि यह पॉलिसी आपको जनरल इंश्योरेंस कंपनियां देती है।
यदि आप इन कवर्स को राइडर के तौर पर लेना चाहते हैं तो आपको यह लाइफ इंश्योरेंस कंपनियां देंगी।
अक्सर पूछे जाने वाले सवाल | Frequently Asked Questions
टर्म इंश्योरेंस क्या है?
टर्म इंश्योरेंस लाइफ इंश्योरेंस का सबसे शुद्ध तरीका है। यदि आप की मृत्यु टर्म इंश्योरेंस के टर्म पीरियड के दौरान हो जाती है तो आप के नॉमिनी को एक निश्चित तय की गई बीमा राशि मिलती है।
आपकी मृत्यु हो जाने पर आपकी कमी को किसी हाल में पूरा नहीं किया जा सकता है लेकिन आपके द्वारा कराए गए टर्म इंश्योरेंस से आपके मृत्यु के बाद जो बीमा राशि आपके परिवार को मिलती है उसे कई तरह की जिम्मेदारियों को पूरा किया जा सकता है।
राइडर का हिन्दी अर्थ क्या होता है?
इंश्योरेंस सेक्टर में राइडर का अर्थ अतिरिक्त बेनीफिट होता है। यदि आप किसी तरह का टर्म इंश्योरेंस या हेल्थ इंश्योरेंस लेते है तो आप उसके साथ कई तरह की अतिरिक्त बेनीफिट का आनंद ले सकते है।
इन अतिरिक्त बेनीफिट को राइडर के नाम से जाना जाता है।
निष्कर्ष | Conclusion
दोस्तों यह थी सारी जानकारी टर्म इंश्योरेंस राइडर (Term Insurance Rider) के बारे में। यदि आपके मन में और कोई सवाल है तो, आप नीचे कमेन्ट करके पूछ सकते है।
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